Anubhab Mowar

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लेखनी प्रतियोगिता -22-Jan-2023

तारे गिन गिन के महज़,तारों में चमक नहीं आती

सोए हुए के दर पे तो कभी, किस्मत नहीं आती।

क्या बैठे हो , हाथों को लकीरों के भरोसे
यह लकीरें भी , गुमनाम, बिन मेहनत नहीं आती।

- अनुभव मोवार ' गुमनाम '

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6 Comments

Renu

23-Jan-2023 04:20 PM

👍👍🌺

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Punam verma

23-Jan-2023 08:13 AM

Very nice

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बहुत ही सुंदर सृजन

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